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साये |
थोड़ी दूर पे हमको कहीं पाया होता।
हम तो साये से हैं तेरे,
दूर तुझसे कहीं नहीं जाते॥
रूह तो छोड़ दे तुझे कभी,
हम तो दामन भी नहीं छोड़ पाते।
ये तो चकाचौंध है नयी दुनिया की,
जो तुझे साये भी नज़र नहीं आते॥
रौशनी तेज़ हो तो नज़र दगा दे जाती है,
सब्र कर लिया था हमने भी यही सोचकर।
ज़िक्र-ए-वफ़ा तो खीज़ है इस रौशनी की
वर्ना हम भी खुदा नहीं हो जाते!
#AllThatGlittersIsNotGold #Shadow